काले मेघा पानी दे kaale megha pani de class 12 summary and MCQs CBSE
पाठ का सार
बचपन और अंधविश्वास:-
'काले मेघा पानी दे' नामक पाठ लेखक धर्मवीर भारती द्वारा रचित संस्मरण विधा की एक रचना है। आषाढ़ के महीने में जब के पखवाड़े भर बारिश नहीं होती, तो किशोरावस्था वाले लड़कों की 'इंदर सेना' घर-घर जाकर पानी माँगती है। 'बोल गंगा मैया की जय' का जयकारा लगाते ये लड़के निम्न पंक्तियाँ गाते हैं 'काले मेघा पानी दे
गगरी फूटी बैल पियासा पानी दे, गुड़धानी दे
काले मेघा पानी दे।' पानी की कमी होते हुए भी महिलाएँ सहेज कर रखा हुआ पानी उन पर डाल देती हैं। पानी डालने के बाद फिर कीचड़ में लेटने से इन बालकों के हाथ-पैर, पेट, बदन, मुख सब मिट्टी में लिपट जाते हैं। इनके इसी रूप को देखकर कुछ लोगों ने इन्हें 'मेंढक-मंडली' का नाम दे दिया।
अनावृष्टि से आशंकित गाँव:-
बारिश न होने के कारण तालाब सूख जाते हैं, घरों के कुओं में भी पानी नहीं रहता। ऐसे में गाँव-गाँव में पानी के बिना कोहराम मच जाता है। बारिश न होने के कारण लोग इसकी प्रार्थना करते हुए पूजा-पाठ भी करते हैं। पशु-पक्षी प्यासे मरने लगते हैं और यदि इतने पर भी वर्षा नहीं होती, तो इंदर सेना बादलों से पानी माँगने के लिए निकल पड़ती है। ऐसे में लेखक सोचता है कि
जब पानी की घर-घर में इतनी कमी हो, तो महिलाएँ इंदर सेना पर पानी डालकर अपना अंधविश्वास ही प्रदर्शित करती हैं।
कुमार-सुधार सभा:-
लेखक आर्य समाजी होने के साथ ही कुमार-सुधार सभा का उपमंत्री भी था, इसीलिए उसमें समाज को सुधारने का जोश है। अंधविश्वासों के विरुद्ध उसके पास सबल तर्क है। वह सभी रीति-रिवाज़ों, पूजा-अनुष्ठानों को अंधविश्वास मानता है। वह इन सबको पूर्णत: समाप्त होते देखना चाहता है। वह समाज में फैले दकियानूसी विचारों को जड़ से उखाड़ना चाहता है।
जीजी का लेखक के प्रति अपनापन:-
लेखक की एक जीजी थी, जिनकी उम्र लेखक की माँ की उम्र से भी अधिक थी। वह लेखक को बहुत लाड़-प्यार करती थीं। जिन बातों को जीजी मान-सम्मान देती थीं, लेखक उनको अंधविश्वास कहता था। लेखक भी सभी त्योहारों तथा
पूजा-अनुष्ठानों में उनकी मदद करता था।
लेखक जीजी के तर्कों के सामने निरुत्तर हो जाता था। लेखक ने जीजी के कहने पर भी इंदर सेना पर पानी नहीं फेंका। जीजी के आग्रह के बाद भी लेखक ने न तो पानी फेंका और न ही जीजी के लड्डू-मठरी खाए और कुछ समय तक उसने जीजी से बात भी नहीं की।
जीजी के तर्क:-
• यह पानी की बर्बादी नहीं, यह पानी का अर्घ्य है।
• कुछ पाना है, तो पहले कुछ देना होता है। दान को सबसे महान् कहा गया है। दान के लिए त्याग करना अनिवार्य है।
• अभाव की स्थिति में किया गया दान ही सच्चा त्याग होता है। सूखे में हमारे द्वारा फेंका गया पानी ही, पानी की बुवाई है।
• हम पानी देकर बीज बोते हैं अर्थात् यह पानी का बीज है, तब काले बादलों से पानी माँगते हैं। पहले खुद दो, तो देवता तुम्हें चौगुना, आठगुना करके लौटाएँगे।
• एक व्यक्ति का आचरण ही सबका आचरण बनता है।
पचास वर्ष के बाद लेखक के विचार:-
पचास वर्ष के बाद लेखक यह सोचता है कि हम देश के लिए क्या कर रहे हैं? राजनीतिक स्वतंत्रता मिलने के बाद भी हमें अपने देश के संस्कारों की समझ अभी तक नहीं आई है। हमारी स्थिति माँगने की तो हर समय बनी रहती है, किंतु त्याग करने से हम पीछे हट जाते हैं। लेखक कहता है कि आज आदमी अत्यधिक स्वार्थी हो गया है। ये बातें लेखक के मन को कचोटती हैं। हम चारों ओर फैल रहे भ्रष्टाचार को लेकर बातें करते हैं, लेकिन कभी यह नहीं देखते कि कहीं हम भी तो भ्रष्टाचार के शिकार नहीं बन रहे हैं? यदि हम सोचें तो एक स्तर पर हम सभी स्वयं को उसी भ्रष्टाचार का अंग बना हुआ पाते हैं। काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी ही है। बैल प्यासे-के-प्यासे ही रह जाते हैं, आखिर कब बदलेगी यह स्थिति? लेखक इन्हीं सब प्रश्नों से अपने आपको घिरा पाता है।
काले मेघा पानी दे kaale megha pani de class 12 summary and MCQs CBSE |
गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
1. उछलते-कूदते, एक-दूसरे को धकियाते ये लोग गली में किसी दुमहले मकान के सामने रुक जाते, “पानी दे मैया, इंदर सेना आई है।" और जिन घरों में आखिर जेठ या शुरू आषाढ़ के उन सूखे दिनों में पानी की कमी भी होती थी, जिन घरों के कुएँ भी सूखे होते थे, उन घरों से भी सहेजकर रखे हुए पानी में से बाल्टी या घड़े भर-भर कर इन बच्चों को सर से पैर तक तर कर दिया जाता था। ये भीगे बदन मिट्टी में लोट लगाते थे, पानी फेंकने से पैदा हुए कीचड़ में लथपथ हो जाते थे। हाथ, पाँव, बदन, मुंह, पेट सब पर गंदा कीचड़ मलकर फिर हाँक लगाते हैं "बोल गंगा मैया की जय" और फिर मंडली बाँधकर उछलते-कूदते अगले घर की ओर चल पड़ते बादलों को टेरते,"काले मेघा पानी दे।"
(क) किसी दुमहले मकान के सामने कौन रुक जाते थे?
(i) मुसाफ़िर
(ii) इंदर सेना
(iii) प्यासे लोग
(iv) जल से भीगे लोग
(ख) किन-किन महीनों में पानी माँगा जाता था?
(i) सावन-भादो
(ii) माघ-ज्येष्ठ
(iii) जेठ-आषाढ
(v) आषाढ़-पौष
(ग) इंदर सेना किसकी जय बोलती थी?
(i) गाँव वालों की
(ii) माता-पिता की
(iii) संरक्षक की
(iv) गंगा मैया की
(घ) इंदर सेना पर कैसा पानी डाला जाता था?
(i) घरों में सँभालकर रखा हुआ पानी
(ii) कीचड़ वाला पानी
(iii) गंदा व बदबूदार पानी
(iv) गंगा नदी का पानी
(ङ) बालकों के हाथ,पैर, बदन तथा मुख सब किस कारण मिट्टी में लिपट जाते हैं?
(i) आँधी चलने के कारण
(ii) कीचड़ के कारण
(iii) धूप में घूमने के कारण
(iv) ग्रामीण परिवेश के कारण
2. मैं असल में था तो इन्हीं मेंढक-मंडली वालों की उमर का,पर कुछ तो बचपन के आर्यसमाजी संस्कार थे और एक कुमार-सुधार सभा कायम हुई थी उसका उपमंत्री बना दिया गया था-सो समाज-सुधार का जोश कुछ ज्यादा ही था। अंधविश्वासों के खिलाफ तो तरकस में तीर रख कर घूमता रहता था। मगर मुश्किल यह थी कि मुझे अपने बचपन में जिससे सबसे ज्यादा प्यार मिला वे थीं जीजी। यूँ मेरी रिश्ते में कोई नहीं थीं। उम्र में मेरी माँ से भी बड़ी थीं, पर अपने लड़के-बहू सबको छोड़कर उनके प्राण मुझी में बसते थे और वे थीं उन तमाम रीति-रिवाजों,तीज-त्यौहारों, पूजा-अनुष्ठानों की खान जिन्हें कुमार-सुधार सभा का यह उपमंत्री अंधविश्वास कहता था और उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकना चाहता था।
(क) कुमार-सुधार सभा क्या थी?
(i) समाज में व्याप्त अंधविश्वासों के खिलाफ संघर्ष
करने वाली सभा
(ii) समाज के युवा वर्ग को सुधारने वाली सभा
(ii) समाज से गंदगी को साफ करने वाली सभा
(iv) समाज से अलग विचारधारा लेकर चलने वाली सभा
(ख) लेखक को कुमार-सुधार सभा में कौन- -सा पद
मिला था?
(i) सचिव
(ii) उपसचिव
(iii) मंत्री
(iv) उपमंत्री
(ग) लेखक की किसके खिलाफ जंग जारी रहती थी?
(i) जीजी के
(ii) अंधविश्वासों के
(iii) प्रेम-विवाह के
(iv) बाल संस्कार के
(घ) जीजी का लेखक से क्या संबंध था?
(i) माँ-बेटे का
(ii) बड़ी बहन-छोटे भाई का
(iii) अध्यापिका-छात्र का
(iv) रिश्ते में कोई संबंध नहीं था
(ङ) गद्यांश के आधार पर जीजी की विशेषता क्या थी?
(i) लेखक के दूर की रिश्तेदार
(ii) रीति-रिवाजों में विश्वास रखने वाली
(iii) अंधविश्वासों का विरोध करने वाली
(iv) लेखक से ईर्ष्या-द्वेष रखने वाली
3. लेकिन इस बार मैंने साफ इनकार कर दिया। नहीं फेंकना है मुझे बाल्टी भर-भरकर पानी इस गंदी मेंढक-मंडल पर। जब जीजी बाल्टी भरकर पानी ले गई उनके बूढ़े पाँव डगमगा रहे थे, हाथ काँप रहे थे, तब भी मैं अलग मुँह फुलाए खड़ा रहा। शाम को उन्होंने लड्डू-मठरी खाने को दिए तो मैंने उन्हें हाथ से अलग खिसका दिया, मुँह फेरकर बैठ गया, जीजी से बोला भी नहीं। पहले वे तमतमाईं, लेकिन ज्यादा देर तक उनसे गुस्सा नहीं रह गया। पास आकर मेरा सर अपनी गोद में लेकर बोलीं, "देख भइया, रूठ मत। मेरी बात सुन। यह सब अंधविश्वास नहीं है। हम इन्हें पानी नहीं देंगे तो इंद्र भगवान हमें पानी कैसे देंगे?"
मैं कुछ नहीं बोला। फिर जीजी बोलीं। “तू इसे पानी को
बरबादी समझता है पर यह बरबादी नहीं है। पानी का अर्घ्य चढ़ाते हैं, जो चीज मनुष्य पाना चाहता है उसे पहले देगा नहीं तो पाएगा कैसे? इसीलिए ऋषि-मुनियों ने दान को सबसे ऊँचा स्थान दिया है।"
(क) लेखक के द्वारा किस बात से साफ इंकार किया गया?
(i) मेंढक-मंडली पर पानी फेंकने से
(ii) मेंढकों पर पानी फेंकने से
(iii) जीजी द्वारा दिए गए लड्डू-मठरी खाने से
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
(ख) जब जीजी बाल्टी भरकर पानी लाईं तो उनकी दशा
कैसी थी?
(i) उनके बूढ़े पाँव डगमगा रहे थे
(ii) उनके हाथ काँप रहे थे
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) उन्हें बुखार हो रहा था
(ग) मेंढक-मंडली को पानी न देने से क्या होगा?
(i) इंद्र भगवान पानी देंगे
(ii) इंद्र भगवान पानी नहीं देंगे
(ii) पानी खूब बरसेगा
(iv) काले बादल घिर आएँगे
(घ) लेखक की जीजी ने शाम को उसे क्या खाने को दिया?
(i) लड्डू-मठरी
(ii) लड्डू-कचौरी
(iii) मालपुए
(iv) हलवा-कचौरी
(ङ) मेंढक-मंडली पर पानी फेंकने को जीजी ने क्या बताया?
(i) पानी की बरबादी
(ii) भेंट देना
(iii) पानी की किल्लत दूर करना
(iv) अर्घ्य देना
4. फिर जीजी बोलीं, “देख, तू तो अभी से पढ़-लिख गया है। मैंने तो गाँव के मदरसे का भी मुँह नहीं देखा। पर एक बात देखी है कि अगर तीस-चालीस मन गेहूँ उगाना है तो किसान पाँच-छ: सेर अच्छा गेहूँ अपने पास से लेकर जमीन में क्यारियों बनाकर फेंक देता है। उसे बुवाई कहते हैं। यह जो सूखे में हम अपने घर का पानी इन पर फेंकते हैं; वह भी बुवाई है। यह पानी गली में बोएँगे तो सारे शहर, कस्बा, गाँव पर पानीवाले बादलों की फसल आ जाएगी। हम बीज बनाकर पानी देते हैं, फिर काले मेघों से पानी माँगते हैं। सब ऋषि-मुनि कह गए हैं कि पहले खुद दो तब देवता तुम्हें चौगुना-आठगुना करके लौटाएँगे। भइया, यह तो हर आदमी का आचरण है, जिससे सबका आचरण बनता है। यथा राजा तथा प्रजा सिर्फ यही सच नहीं है। सच यह भी है-कि यथा प्रजा तथा राजा। यही तो गाँधी जी महाराज कहते हैं।"
(क) बुवाई किसे कहते हैं?
(i) जमीन में क्यारियाँ बनाना
(ii) हल चलाना
(iii) क्यारियों में बीज बोना
(iv) उपरोक्त राभी
(ख) जीजी के अनुसार, मेंढक-मंडली पर पानी फेंकने से
क्या होगा?
(i) पानी की बुवाई होगी
(ii) शहर, कस्बा व गाँव पर पानी वाले बादलों की
फसल आ जाएगी
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
(ग) गद्यांश के अनुसार त्याग की महत्ता को किसने
बताया था?
(i) ऋषि-मुनियों ने
(ii) इंदर सेना ने
(iii) मेंढक-मंडली ने
(iv) लेखक ने
(घ) गद्यांश के अनुसार हर आदमी का आचरण कैसा है?
(i) पानी माँगना
(ii) दान देना
(ii) मेंढक-मंडली पर पानी फेंकना
(iv) देवताओं से पानी माँगना
ङ) 'यथा राजा तथा प्रजा' से क्या आशय है?
(i) कर भला तो हो भला
(ii) जैसा राजा वैसी प्रजा
(iii) जैसी करनी वैसी करनी
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
5. कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भो में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नामो-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें कहते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं; पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?
(क) लेखक के मन को कौन-सी बात कचोटती है?
(i) भ्रष्टाचार होना
(ii) अपनी बात मनवाने की जिद करना
(ii) कर्तव्यबोध का अभाव
(iv) दान न देना
(ख) हमारे देश में भ्रष्टाचार की क्या स्थिति है?
(i) माँगें बड़ी हैं पर त्याग की भावना नहीं है
(ii) स्वार्थ ही एकमात्र लक्ष्य रह गया है
(iii) भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर स्वयं भ्रष्ट हैं
(iv) उपरोक्त सभी
(ग) 'गगरी फूटी की फूटी रह जाती है' से क्या अभिप्राय है?
(i) कल्याणकारी योजनाओं का आम जनता को लाभ
नहीं मिलता
(ii) सरकारी सहायताएँ जरूरतमंदों तक नहीं पहुँच
पातीं
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
(घ) लेखक का प्रस्तुत गद्यांश में केंद्र-बिंदु क्या है?
(i) देश में सूखे की समस्या
(ii) देश में भ्रष्टाचार की समस्या
(iii) देश के लोगों में त्याग की भावना का न होना
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
(ङ) 'आखिर कब बदलेगी स्थिति?' कथन में लेखक किस
स्थिति की बात कर रहा है?
(i) देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में
(ii) सरकारी योजनाओं के बारे में
(iii) देश में सूखे की स्थिति के बारे में
(iv) देश में अकाल की स्थिति के बारे में
अध्याय पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
1. इंदर सेना से चिढ़ने वाले लोग उन्हें क्या कहकर
पुकारते थे?
(क) साँपों की मंडली (ख) मेंढक-मंडली
(ग) गंदे लोग
(घ) इनमें से कोई नहीं
2. इंदर सेना में कितने आयु के लोग थे?
(क) दस-बारह वर्ष से सोलह-अठारह वर्ष के
(ख) आठ-नौ वर्ष से दस-बारह वर्ष के
(ग) पाँच-छ: वर्ष से आठ-नौ वर्ष के
(घ) तीन-चार वर्ष से पाँच-छ: वर्ष के
3. फेंके हुए पानी से इंदर सेना क्या करती थी?
(क) उस पानी से नहाती थी
(ख) उसके कीचड़ में लथपथ हो जाती थी
(ग) उस पानी को इकट्ठा कर लेती थी
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
4. बादलों की ओर देखकर इंदर सेना क्या कहती थी?
(क) काले मेघा पानी दे
(ख) बरसो राम धड़ाके से
(ग) खूब बरसो बादल राजा
(घ) घिरकर आओ काले बादल
5. इंदर सेना पानी माँगने कब निकलती थी?
(क) जब लोगों के पास खूब पानी होता था
(ख) जब पानी खूब बरसता था
(ग) जब कई दिनों तक सूखे की स्थिति रहती थी
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
6. सूखे में ज्यादा स्थिति कहाँ खराब होती थी?
(क) शहरों में
(ख) गाँवों में
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) महानगरों में
7. लेखक पर किसके संस्कार थे?
(क) आर्यसमाजी संस्कार
(ख) सनातनी संस्कार
(ग) निरंकारी संस्कार
(घ) इनमें से कोई नहीं
8. जीजी ने लेखक को किस पर पानी फेंकने के लिए कहा?
(क) इंदर सेना पर
(ख) मेंढ़क-मंडली पर
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) स्वयं पर
9. लेखक के इंदर सेना पर पानी फेंकने से इनकार करने का क्या कारण था?
(क) वह इसे अंधविश्वास मानता था
(ख) उसे यह सब करना अच्छा नहीं लगता था
(ग) वह बहुत जिद्दी लड़का था
(घ) वह इंदर सेना से ईर्ष्या करता था
10. मेंढक-मंडली पर पानी फेंकना लेखक क्या
समझता था?
(क) धार्मिक कार्य
(ख) पानी की बरबादी
(ग) अर्घ्य चढ़ाना
(घ) इनमें से कोई नहीं
11. लेखक की जीजी के अनुसार कौन-सा कार्य
अंधविश्वास नहीं था?
(क) लेखक को लड्डू-मठरी देना
(ख) कीचड़ में लोट-पोट होना
(ग) मेंढक-मंडली पर पानी फेंकना
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
12. ऋषि-मुनियों ने किसको सबसे ऊँचा स्थान दिया है?
(क) इंद्र को
(ख) पानी का अर्घ्य देने को
(ग) दान करने को
(घ) देवताओं को
13. जीजी के अनुसार त्याग क्या होता है?
(क) अपने पास की थोड़ी और आवश्यक वस्तु का
दान करना
(ख) लोगों को धन-दौलत बाँटना
(ग) ऋषि-मुनियों के साथ वन में रहना
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
14. किसान को तीस-चालीस मन गेहूँ उगाने के लिए क्या करना पड़ता है?
(क) खेतों को उपजाऊ बनाना पड़ता है
(ख) मिट्टी में रासायनिक पदार्थ डालने पड़ते हैं
(ग) खेतों में पाँच छ: सेर अच्छा गेहूँ फेंकना पड़ता है
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
15. जीजी के अनुसार, गली में पानी बोने से क्या होगा?
(क) शहर में पानी वाले बादलों की फसल आ जाएगी
(ख) गाँवों में पानी वाले बादलों की फसल आ जाएगी
(ग) कस्बों में पानी वाले बादलों की फसल आ जाएगी
(घ) उपरोक्त सभी
16. देवता चौगुना-आठगुना कब लौटाएँगे?
(क) जब हम उन्हें स्वयं दान करेंगे
(ख) जब हम उनकी पूजा करेंगे
(ग) जब हम उनसे माँगेंगे
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
17. जीजी के अनुसार, गाँधीजी महाराज क्या कहते हैं?
(क) सच यह भी है कि यथा राजा तथा प्रजा
(ख) सच यह भी है कि यथा प्रजा तथा राजा
(ग) राजा और प्रजा को एकसमान सोचना चाहिए
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
18. जीजी गाँधीजी की बात कब से करने लगी थीं?
(क) जब से उनका एक लड़का राष्ट्रीय आंदोलन में
पुलिस की लाठी खा चुका था
(ख) जब से वे गाँधीजी से मिली थीं
(ग) जब से वे गाँधीजी के बताए सिद्धांत पर चलने
लगी थीं
(घ) जब से वे स्वयं राष्ट्रीय आंदोलन में गिरफ्तार हुई थीं
19. लेखक जीजी के किन कामों को करता था?
(क) पूजा-पाठ व अनुष्ठान
(ख) दिवाली पर कौड़ियों से गोवर्धन व सतिया बनाना
(ग) जन्माष्टमी पर झाँकी सजाना
(घ) उपरोक्त सभी
20. लेखक स्वयं को कब बेबस महसूस करने लगता था?
(क) जीजी के स्नेह के सामने
(ख) इंदर सेना के सामने
(ग) जीजी द्वारा लड्डू-मठरी देने के बाद
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
21. पाठ में दी गई घटनाओं को लेखक के अनुसार कितना समय हो चुका है?
(क) पच्चीस वर्ष
(ख) तीस वर्ष
(ग) पचास वर्ष
(घ) साठ वर्ष
22. 'काले मेघा पानी दे' पाठ का उद्देश्य है
(क) अंधविश्वास का विरोध करना
(ख) किसी भी विश्वास को तर्क की कसौटी पर परखना
(ग) समयानुसार किसी भी कार्य को अपनाना
(घ) उपरोक्त सभी
23. लेखक के अनुसार देश में किस चीज की कमी है?
(क) त्याग की भावना की
(ख) संसाधनों की
(ग) जल की
(घ) अच्छे आचरण की
24. 'बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं।' कथन से लेखक का क्या अभिप्राय है?
(क) भ्रष्टाचार के कारण आम जनता योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाती
(ख) पानी के अभाव के कारण पशु प्यासे रह जाते हैं
(ग) देश में जल-संसाधनों की बहुत कमी है
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
25. प्रस्तुत पाठ 'काले मेघा पानी दे' के लेखक का नाम
क्या है?
(क) रघुवीर सहाय
(ख) फणीश्वर नाथ 'रेणु'
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) धर्मवीर भारती
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